Kapalbhati Yoga in Hindi : आज हम आपको बताने वाले है योग का एक स्वरुप के बारे में हां कपालभाति प्राणायाम के बारे में बात कर रहे है |जाने इसे रोजाना करने से शरीर को क्या क्या फायदे हो सकते है |
कपालभाति प्राणायाम क्या है ?
आपको बता दे इसका शाब्दिक अर्थ है कपाल > मस्तक सिर, भाति < चमकने वाला < सांस लेने की प्रक्रिया |
यह एक योग की ऐसी क्रिया है जो सांस के द्वारा पूरे शरीर को लाभ पहुचता है |जिससे आप आने शरीर को स्वस्थ रख सकते है |यह ऋषि पतंजलि द्वारा लिखे हुए अष्टांग योग में से एक है |
कपालभाति प्राणायाम का महत्व (Kapalbhati Yoga in Hindi)
आपको बता दे कपालभाति प्राणायाम करते हैं तो आपके शरीर से 80 % विषैले तत्त्व बाहर जाती साँस के साथ निकल जाते हैं।और आपको बता दे ये व्यायाम आपको सुबह सुबह ही करना चाहिए |क्योकि सुबह के समय ताज़ी हवा होती है |तो ताज़ी हवा जब शरीर के अन्दर जाती है |वो हमेलिये बहुत ही फायदेमंद होती है |कपालभाति प्राणायाम के निरंतर अभ्यास से शरीर के सभी अंग विषैले तत्व से मुक्त हो जाते हैं।
किसी भी अच्छे और तंदुरस्त व्यक्ति को उसके चमकते हुए माथे (मस्तक या सिर) से पहचाना जा सकता है। कपालभाति प्राणायाम की उचित व्याख्या है, “चमकने वाला मस्तक”। मस्तक पर तेज या चमक प्राप्त करना तभी संभव है |जब आप रोजाना इसका प्राणायाम का अभ्यास करें। इसका तात्पर्य यह है कि आपका माथा सिर्फ बाहर से नही चमकता परंतु यह आंतरिक रूप से आपको मजबूती प्रदान करता है | प्राणायाम आपकी बुद्धि को भी स्वच्छ व तीक्ष्ण बनाता है।
योग के फायदे:5 Best Benifits of Yoga in hindi,योग के लाभ
कपालभाति प्राणायाम करने की विधि – What is The Step of Kapaalbhaati Pranayam
- सबसे पहले आपको अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए , आराम से बैठ जाना है। और अपने हाथों को आकाश की तरफले जाकर, आराम से घुटनों पर रखें।
- फिर आपको एक लंबी गहरी साँस अंदर लेंनी है ।
- फिर आपको साँस छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की ओर खीचना होगा। आपको पेट को इस प्रकार से अंदर खीचना है की वह रीढ़ की हड्डी को छू ले। जितना हो उतना ही करें। पेट की मासपेशियों के सिकुड़ने को आप अपने पेट पर हाथ रख कर महसूस कर सकते हैं। नाभि को अंदर की ओर खींचे।
- जब आप पेट की मासपेशियों को ढीला छोड़ते है | साँस अपने आप ही आपके फेफड़ों में पहुँच जाती है।
- आपको कपालभाति प्राणायाम के एक (राउंड) को पूरा करने के लिए 20 साँस छोड़ेनी चाहिए ।
- ऐसे में एक राउंड खत्म होने के बाद ,विश्राम करें और अपनी आँखों को बंद कर लें। अपने शरीर में प्राणायाम से प्रकट हुई उत्तेजना को महसूस करें।
- कपालभाति प्राणायाम के कम से कम दो और (राउंड) को पूरा करें।
कपालभाति प्राणायाम के लाभ | Benefits of Kapalbhati in Hindi
आप अगर कपालभाति का नियमित अभ्यास करने वाले अधिकांश लोग आपको नियमित रूप से बताएंगे कि उनमे ऊर्जा में वृद्धि हुई है । आइये जाने की कपालभाति प्राणायाम के फायदे बार मे और इसे करने से क्या क्या फायदे होते है।
- यह आपके शरीर में अतिरिक्त वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है।
- फेफड़ों और श्वसन प्रणाली को साफ करता है।
- ये आपके परिसंचरण में सुधार,और विशेष रूप से सिर में होता है।
- ये आपकी मानसिक विकारों को दूर करने में बेहद सहायक होता है ।
- अगर आपको अनिद्रा की शिकायत है | तो आपको इसका अभ्यास ज़रूर करे |
- शरीर और मस्तिष्क में स्फूर्ति आती है।माथे को ठंड रखता है।
- इसका अभ्यास करने से आपकी पाचन क्रिया मजबूत होती है और इसमें भूख में सुधार होता है ।
- यह खून को साफ करता है।
- विषाक्त पदार्थों को शरीर से मुक्त करता है।
- रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन को बढ़ाता है और रक्त को शुद्ध करता है।
5 Best Brain Yoga in Hindi : How to Increase Brain Power By Yoga in Hindi
सावधानियाँ | Kapalbhati Karte Samay Savdhaniya
आपको बात दे कपालभाती का अभ्यास गर्भवती या मासिक धर्म वाली महिलाओं को नहीं करना चाहिए।
और अगर आप उच्च रक्तचाप, एसिड गैस्ट्रिक, हृदय रोग या पेट दर्द से पीड़ित है | तो कपालभाति का अभ्यास न करें।
अगर आपको चक्कर या बेचैनी महसूस होती है | तो अभ्यास धीमा या बंद कर दे ।
Kapalbhati Yoga in Hindi – आज हमने बताया कैसे हम ये कपालभाति प्राणायाम का योग रोजाना करके आपने मष्तिस्क को तेज कर सकते है |शरीर को स्वस्थ रख सकते है | आपको ये हमारा आर्टिकल पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करे और लिखे करे |और कमेंट करके बताये|