अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 हिंदी में 21 जून 2015 पहली बनाया गया :कैसे हुई योग की शुरुवात

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 : की शुरुवात 21 जून 2015 में हुई थी|पहली बार करोड़ों लोगों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साथ योग किया जो कि एक रिकॉर्ड था। योग व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है, जिसके माध्याम से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जा सकता है | इसलिए कि योग से शा‍रीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है।योग शब्द की उत्पत्त‍ि संस्कृति के यजुर्वेद से हुई है, जिसका मतलब होता है आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन। हमारे यहाँ योग लगभग दस हजार साल से भी अधिक समय से अपनाया जा रहा है।

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कब हुई अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुवात

वर्तमान में योग को शारीरिक, मानसिक व आत्मिक स्वास्थ्य व शांति के लिए बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व के योग दिवस के रूप में मान्यता दी और 21 जून 2015 को प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।इसलिए प्रथम बार विश्व योग दिवस के अवसर पर 192 देशों में योग का आयोजन किया गया जिसमें 47 मुस्लिम देश भी शामिल थे।
इस अवसर पर दिल्ली में एक साथ 35985 लोगों ने योग का प्रदर्शन किया, जिसमें 84 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे और भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाकर ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज करा लिया।

कैसे हुई योग की शुरुवात

हमारी प्राचीन सभ्यता से ही योग का बड़ा ही महत्व रहा है |क्योंकि ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है जो हजारो साल पहले से चला आ रहा है |जिस योग की आज विश्व में चर्चा है व योग हमारे ऋषि हजारो साल पहले शुरुवात कर चुके थे |और अगर योग का सबसे बड़ा योगदान महर्षि पतंजलि को जाता है| जिन्होंने अष्टांग योग की पूरी किताब लिखी थी क्योंकि बात हजारो साल पुरानी है |तो कुछ प्रतियों की ही प्राप्ति ही हा सकी है |लेकिन विश्व में योग दिवस की शुरुवात 21 जून 2015 से हुई है |

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 कौन थे महर्षि पतंजलि

इनका काल आज से करीब 200 ई. पूर्व मना गया है | पतंजलि के ग्रंथों में लिखे उल्लेख से उनके काल का अंदाजा लगाया गया है |क्योंकि राजा पुष्यमित्र शुंग के शासन काल 195 से 142 ई. पूर्व इनकी उपस्थिति थी।पतंजलि एक बहुचर्चित चिकित्सक और रसायन शास्त्र के आचार्य भी थे। और इन्होने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अभ्रक, धातुयोग और लौह्शास्त्र का परिचय कराने का श्रेय पतंजलि को दिया जाता है।

राजा भोज ने महर्षि पतंजलि को तन के साथ हीं मन के चिकित्सक की उपाधि से विभूषित किया था। इसलिए इन्हें आयुर्वैदिक ग्रन्थ चरक संहिता का जनक माना गया है। महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग के बारे में लिखा है जिसके आठ सूत्र है |यम, नियम,आसन,प्राणायाम,ध्यान,धारणा,प्रत्याहार,समाधि |वर्तमान समय में प्राणायाम और ध्यान ही इनमे से प्रचलित है |

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योगासन के लाभ (Benifits of Yoga’s)

प्रतिदिन योग करने से हम न केवल शरीर को स्वस्थ रख सकते है | और मानसिक रूप से भी शांति मिलती है |रोजाना योग करने से हमारे शरीर की आधे से ज्यादा बीमारियाँ ठीक हो सकती है |स्वस्थ रहने के लिए कम से कम सप्ताह में 3 घंटे योग करे |और रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलना चाहिए |योग से न केवल हमारे फेफड़े और लीवर को साफ़ हवा पहुचती है |क्योंकि  शरीर के अंदर की गंदगी बाहर निकलती है |अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 के माध्यम से लोगो जागरूक करना है |ताकि लोग इसकी उपयोगिता समझ सके |

अगर योग केवल शरीर को लचीला बनाने के लिए ही किया जाता है| लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है क्योंकि  योग के ढेरों आसन हैं |और जिनके कई फायदे हैं| योग की सहायता से आप जीवन भर जवां और स्वस्थ बने रह सकते हैं|अक्‍सर लोग योग को एक धीमा माध्‍यम मान लेते हैं, लेकिन ऐसा है नहीं. योग आपको हेल्‍दी रहने में कई तरह से मदद कर सकता है|

 

योग दिवस पर जाने योगा के नियम (Rules of Yoga’s)

  1. किसी गुरु के दिशानिर्देश से योग शुरू करे |
  2. योग सुबह 5-6 से ही करना चाहिए क्योंकि सुबह हवा साफ़ होती है |
  3. योग सुबह खली पेट से ही करना चाहिए |
  4. बीच बीच में आप पानी पी सकते है |
  5. योग करते वक़्त एकाग्रता होनी बहुत आवश्यक है
  6. बीमार व्यक्ति को योग नहीं करना चाहिए |
  7. किसी गर्भवती महिला को केवल हलके योग ही करने चाहिए |
  8. योग हो सके तो प्रतिदिन करना चाहिए |
  9. प्राणायाम और आसनो के पश्चात ही करना चाहिए |
  10. योग करने के 30 मिनट बाद तक कुछ न खाए |

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योग के प्रकार (Types of Yoga) अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021

योगा को चार भागो में विभाजित किया गया है |आइये जाने योग के प्रकार जैसे-राजयोग,भक्तियोग,कर्मयोग,ज्ञानयोग इस प्रकार है |

राजयोग

राज का अर्थ है शाही यह योग की शाखा का महत्वपूर्ण अंग है |इसको आठ भागो में बांटा गया है |इसी कारण से महर्षि पतंजलि ने इनका नाम अष्टांग योग रखा है |इसके आठ सूत्र इस प्रकार है –

  1. यम (शपथ लेना)
  2. नियम (आचरण का नियम और अनुशासन)
  3. आसन
  4. प्राणायाम (श्वास पर नियंत्रण)
  5. प्रत्याहार (इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना)
  6. धारण
  7. ध्यान (एकाग्रता)

कर्मयोग

अगली शाखा है कर्म योग जो एक सेवा का मार्ग है |क्योंकि हम में से कोई भी इस मार्ग से नहीं बच सकता हर इंसान को इस मार्ग से गुज़ारना पड़ता है |जब भी हम काम करते है और अपना जीवन निस्वार्थ भाव से जीते है |और जब दूसरो की सेवा करते है है ये ही कर्म योग है |

भक्तियोग 

भक्ति योग भक्ति के मार्ग का को प्रशस्त करता है |और भक्ति योग की भावनाओ का नियंत्रण सकारात्मक रूप से किया जा सकता है |

ज्ञानयोग

अगर हम भक्ति को मन का योग मानते है तो ज्ञान को बुधि का योग कहते है |यह योग सबसे कठिन मना गया है |क्योंकि इसका मार्ग बड़ा ही दुर्गम है |यह योग अपने ज्ञान की सीमा को बढ़ने के लिए इस रस्ते को अपनाते है |

योग करने का सही समय योग दिवस पर

सूर्योदय के शुरू के 2 घंटे तक का समय योग के लिए सबसे अच्छा समय माना गया है |इसलिए योग हमेशा किसी आसन पर करना चाहिए |सुबह या दिन में एक समय योग के लिए निर्धारित कर ले |हमें योग को खुली जगह में करना चाहिए जैसे कोई पार्क और या मैदान |

तो आज हमने आपको बताया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 क्यों  मनाया जाता है और कब बनाया जाता है |अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आता है तो अपने दोस्तों के साथ लाइक और शेयर करना न भूले |

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